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द गर्ल इन रूम 105–७०

तो समझो खेल शुरू होने से पहले ही खत्म *पापा, ये ज़ारा है। जारा ये पापा।'

पापा ने धीरे से सिर हिला दिया। फिर वे बैठ गए। पूरा कमरा इतना शांत हो गया था कि घड़ी के चलने की आवाज़ सुनी जा सकती थी। मेरे पापा, जो अभी कुछ देर पहले तक मुझे लेक्चर दे रहे थे, अभी एकदम ग्रामोश हो गए थे।

'जारा आईआईटी दिल्ली से पीएचडी कर रही है। बिग डाटा नेटवर्किंग में कंप्यूटर साइना' पापा ने सिर हिलाया और मुस्करा दिए। लेकिन वे चुप ही रहे। जारा ने बात शुरू करने की कोशिश की।

'आप वकील हैं, अंकल?"

"हम्म"

'आपकी अपनी एक प्रैक्टिस है?"

"पहले करता था। अभी फुलटाइम संघ के लिए काम करता हूँ।' आखिरकार पापा ने मुंह खोला।

"संघ" जारा ने कहा।

  • आरएसएस। तुम जानती हो आरएसएस क्या है? " 'हां, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ।'

"तुम कहां से हो?" पापा ने पूछा। मेरे ख्याल से भारतीय पैरेंट्स को अपने बच्चों के दोस्तों से मिलते ही सबसे पहले उनका आधार कार्ड या

एड्रेस प्रूफ मांगकर देख लेना चाहिए। "मैं दिल्ली में रहती हूं, लेकिन ओरिजिनली कश्मीरी हूं।

"ओह तुम्हारा पूरा नाम क्या है?"

'

*जारा लोन' • पापा ने उसका पूरा नाम सुनकर एक गहरी सांस ली। हां, वो मुस्लिम है पापा, और वो किसी को काटती नहीं है, मैं उनसे कहना चाहता था।

"मुझे इसकी मां से कुछ बात करनी है, पापा ने कहा और उठ खड़े हुए। वे पूजाघर में गए। भजनों की

रही है।

आवाज़ आना बंद हो गई। भीतर से कुछ ऐसी आवाजें आने लगीं, जिससे लग रहा था कि कोई गंभीर बातचीत हो "हां, क्यों? मैंने कुछ ज्यादा ही ज़ोर से मुस्कराते हुए कहा 'नाइस सलवार कमीज़, बाय द थे।"

"सब ठीक है?" जाग ने पूछा।

अगले दिन शाम को मैं डायनिंग टेबल पर अपने पैरेंट्स के साथ बैठा था। जारा अलवर के स्ट्रीट मार्केट्स से कुछ

खरीदारी करने गई थी।

"तुम्हारे पापा जानना चाहते हैं कि तुम इस लड़की को यहां लेकर क्यों आए हो?' मां ने कहा मैं पापा की और 'मुड़ा। मैं उनसे पूछना चाहता था कि वे यह सवाल खुद ना पूछकर मां से क्यों पूछने को कह रहे हैं।

"पापा, वो अलवर घूमना चाहती थी और मैंने सोचा कि उससे आप लोग भी मिल लेंगे।' "लेकिन हम उससे क्यों मिलेंगे?' पापा ने कहा। "तुम्हारे बीच में कुछ भी नहीं चल रहा है ना?' मां ने कहा 'मैंने तुम्हारे पापा को यहीं बताया कि ये दोनों

केवल दोस्त हैं। यह अलवर घूमना चाहती थी। तुम उसे अपने घर से आए क्योंकि यह सेफ है।" 'हां, लेकिन...'

'लेकिन क्या ?' पापा ने कहा।

"वो मेरी एक अच्छी दोस्त है, पापा।" "अच्छी दोस्त? लड़कियां किस लड़के की अच्छी दोस्त होती हैं?' पापा ने कहा। मैं उनसे कहना चाहता था, हर नॉर्मल लड़के की।

"तुम एक कश्मीरी मुस्लिम लड़की को घर ले आए और हम सवाल भी नहीं पूछ सकते: "

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